हनुमान लिपट जाये राम के चरण में, जब कष्ट हो तब हम आये आपकी शरण में, सीने में अपने राम को छुपा रखा है, हमने अपना पूरा जीवन आपको दे रखा है…
भीड़ पड़ी तेरे भक्तों पर बजरंगी, सुन लो अर्ज़ अब तो दाता मेरी, हे महावीर अब तो दर्शन दे दो, पूरी कर दो तुम कामना मेरी.
क्यों डरता है दुखों से बंदे ले अंजनी पुत्र का नाम, काज तेरे पूर्ण होंगे ले हृदय से हनुमान का नाम
अंजनी के लाल, मैं पानी तुम हो चन्दन, हे महाबीर तुमको कहते दुःख-भंजन, इस जग के नर-नारी सब शीश झुकाते हैं, नाम बड़ा है तेरा सब गुण तेरे गाते हैं.
ना मिले खुशी तो गम सह लूंगा, जिस हाल में बालाजी आप रखें, हँसकर जिन्दगी जी लूंगा !
लीला रचने वाले को राजाराम कहते हैं, संकट हरने वाले को राम भक्त, हनुमान कहते हैं !