जटाधारी त्रिपुरारी, गंगाधर शंकर, भोलेनाथ नाम से पुकारो, उन्हें अपने हृदय में बसाओ और उनकी आराधना से, अपनी जिंदगी को समृद्ध करो.
पैसा नहीं है मेरी जेब में, बस महाकाल की तस्वीर है, सुबह शाम उसे देखता क्योंकि वो ही मेरी तकदीर है.
मद-मोह त्यागने आया हूँ, पद-धूलि मांगने आया हूँ।
हृदय से “ॐ” सुमिरन किया तो आवाज भोलेनाथ तक जाएगी भोलेनाथ ने जो सुन ली आवाज तो हर बिगड़ी बन जायेगी…
शिव शिवालयों में नही मनस्वियों के मन मे व्याप्त हैं…
Page 7 of 10