जो मोहब्बत को महसूस न कर सके, उनसे मोहब्बत के सबूत पेश नही किये जाते हैं।
बस मुझे इतना बता दो की मेरी गलती क्या है, मेरे हालात क्या है तुम कभी नही समझ पाओगे, क्योंकि तुमने कभी मुझसे प्यार ही नही किया।
कौन सा वो ज़ख्मे-दिल था जो तर-ओ-ताज़ा न था,
ज़िन्दगी में इतने ग़म थे जिनका अंदाज़ा न था,
‘अर्श’ उनकी झील सी आँखों का उसमें क्या क़ुसूर,
डूबने वालों को ही गहराई का अंदाज़ा न था।
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं !
लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो
ज़रा-सी बात पर ना छोड़ना किसी का दामन
उम्रें बीत जाती हैं दिल का रिश्ता बनाने में
जो धड़कन की भाषा सुना करती थी
वो आज नहीं सुनती सिसकियाँ मेरी
जिसे निभा न सकूं वो वादा में नही करता, बातें मैं अपनी औकात से ज़्यादा नही करता।
निगाहों से भी चोट लगती है दोस्तो, जब कोई देख कर भी अनदेखा कर देता हो।
पहले चुभा बहुत अब आदत-सी है,
यह दर्द पहले था अब इबादत सी है!
धोखा देने के लिए शुक्रिया
तुम ना मिलते तो दुनिया समझ में ना आती!
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते
सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना