वो तुम्हे ब्राह्मण, बनिया, गुर्जर, हरिजन, राजपूत और जाट में बांटेगे, लेकिन तुम सर पर भगवा धारण कर हिन्दुस्तान मे अड़े रहना… जय श्रीराम
हमारी ताकत का अंदाजा हमारे जोर से नही दुश्मन के शोर से पता चलता है ! बोलो सियावर रामचंद्र की जय…
हमारी तकदीर से जलना छोड़ दे, हम घर से दवा नही श्रीराम की दुआ लेकर निकलते है.. जय श्रीराम
संगेमरमर की तू बात न कर मुझसे, मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिख दूँ… ताजमहल भी झूख जाएगा चूमने के लिए, में जो एक पथ्थर पे राम नाम लिख दूँ… जय श्री राम…
देख तज के पाप रावण, राम तेरे मन में हैं, राम मेरे मन में है, मन से रावण जो निकाले, राम उसके मन में है… जय श्री राम