वक़्त और अपने जब दोनों
एक साथ चोट पोहचाएँ,
तो इंसान बाहर से ही नहीं
अंदर से भी टूट जाता हैं.
बहुत सौदे होते हैं संसार में साहब,
मगर, सुख बेचने वाले,
और दुःख ख़रीदने वाले नहीं मिलते.
एक मुर्दे ने क्या खूब कहा हैं,
ये लोग जो मेरी लाश पर रोते हैं,
कभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे.
वक्त लगेगा लेकिन संभल जाऊँगा,
ठोकर से गिरा हूँ अपनी नज़रों से नहीं.
जैसे ही भय आपके करीब आये,
उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.
पतझड़ हुए बिना पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते,
कठिनाई और संघर्ष सहे बिना
अच्छे दिन नही आते.
इंसान को परखना हो तो,
बस इतना कह दो की,
“मैं तकलीफ में हूँ..”
किसी का हाथ तभी पकड़ना,
जब आप उसका साथ अच्छे से
निभा सकते हो.
खुद का बेस्ट वर्जन बनो,
किसी और की कॉपी नहीं.
जिंदगी गुजारने के दो तरीके है,
जो पसंद है उसे हासिल कर लो,
या जो हासिल है उसे पसंद कर लो.