कौन सा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते..!!
सच्ची मोहब्बत एक जेल के कैदी की तरह होती हैं, जिसमे उम्र बीत भी जाए तो सजा पूरी नहीं होती |
हम तो मोहबत के नाम से भी अनजान थे, एक शख्स की चाहत ने पागल बना दिया
ज़रा सा हक तुम भी जताना सीख लो इश्क़ अगर है, तो बताना सीख लो !!
अगर दुबारा भी इश्क हुआ तो तुझी से होगा,खफा हूँ,बेवफा नहीं।
लिख दे, मेरा अगला जनम उसके नाम पे… ए खुदा… इस जनम में, इश्क थोडा कम पड़ गया है..!
बड़े संभल कर चल रहे थे, ज़िन्दगी के सफर में, उसने एक नज़र देखा और हम गुमराह हो गए
जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़