इजहार से नहीं इन्तज़ार से पता चलता है, कि मोहब्बत कितनी गहरी है !
मेरी दुआओं में शामिल तेरा ज़िक्र हर बार रहेगा, तुझे हो ना हो, मुझे तेरा इंतजार हर पल रहेगा
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्श मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है
भुलना भुलाना तो दिमाग का काम है, बेफिक्र रहिए जनाब आप दिल में रहते है..!!
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा, पुरे खत में सिर्फ कान्हा कान्हा नाम लिखा।
कैसे करूँ मैं तुम्हारी यादों की गिनती….. साँसों का भी कोई हिसाब रखता हैं क्या…
मुहब्बत कब हो जाए किसे पता, हादसे पूछ कर नही हुआ करते
गलती से ही सही एक कॉल लगा दो “गलती से लग गया था सॉरी” कहकर अपनी आवाज सुना दो!!